दोस्तों एक पिता के लिए सबसे बुरी घड़ी वो होती है जब जब जीते जी उसे अपने मरे बेटे का शरीर देखना पड़ता है. हर बाप चाहता है कि उसकी चिता को आग बेटा दें लेकिन जब बेटा बाप से पहले दुनिया छोड़ जाए तो उस बाप पर क्या बीतती होगी ये आप जानते ही है.
बीते दिनों उतराखंड के बागेश्वर जिले में में त्रिशूल पर्वत पर पर्वतारोहण करते समय लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव हिमस्खलन का शिकार हो गये है. उन्हें नेवी के कई अफसरों ने श्रदांजलि दी है. सोमवार की सुबह कं कमांडर का पार्थिव शरीर विकास नगर स्थित उनके आवास पर लाया गया तो बेटे को देखकर माँ भावुक हो गयी और वह जोरजोर से रोने लगी.
वहीँ कमांडर रजनीकांत की पत्नी भी फूट फूटकर रोने लगी. उसके आंसू भी थमने का नाम नही ले रहे थे. वही कमांडर के पिता ने अपने गम को दिल में दबाए हुए बेटे को आखिरी सलामी थी. इस दौरान उनकी आँखों से आंसू झलक उठे वे ज्यादातर खुद को रोक नही पाए.
पिता को इस तरह रोता देख वहां मौजूद सभी लोगो की आँखे भर आई. रजनीकांत का परिवार विकार नगर के सेक्टर १२ आनन्दपुरम ने रहता है. उनके पिता का नाम विजेंद्र सिंह है जोकि BKT एयर फ़ोर्स स्टेशन पर वारंट ऑफिसर है. माँ घर सम्भालती है और पत्नी विनी मुंबई में टाटा स्टील में जॉब करती है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उतराखंड में त्रिशूल पर्वत पर चलते समय हिमस्खलन होने से कमांडर रजनीकांत के साथ उनकी पूरी टीम लापता हो गयी थी. जिसके बाद सेना ने उनकी छानबीन करना शुरू किया था. इस दौरान हैलीकॉप्टर द्वारा सभी लोगो को खोजा जाने लगा.
शनिवार को सभी के पार्थिव शरीर मिले थे. जिसमे से रजनीकांत का पार्थिव शरीर उनके घरवालो को सौंप दिया गया. जिसे देखकर उनका परिवार पूरी तरह से टूट गया. 10 बजे के आसपास रजनीकांत यादव का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए बैकुंठधाम लाया गया.
जहाँ पर उनके बड़े भाई रामाकांत यादव ने उन्हें अग्नि दी. रजनीकांत के अंतिम संस्कार में परिवार सहित नेवी के कई अवसरों के साथ साथ उनके दोस्त भी शामिल थे. पिता ने बेटे को अंतिम सलामी दी जिस दौरान वे अपने दिल के दर्द को छुपाने में असमर्थ रहे. उनकी आँखों से आंसू बहने लगे जिसे देखकर वहां सभी मौजूद लोगो की भी आंखे भर आई.