दोस्तों जहाँ माँ बाप की मिसाल दी जाती है कि वह अपने बच्चो का साथ कभी नही छोड़ते वहीँ दिल्ली के तेजिंदर सिंह के माँ बाप ने उन्हें घर से निकाला और उन्हें भिखारी को बेच दिया था. तेजिंदर जब पैदा हुए थे तो उनका एक हाथ नही था और इस वजह से उनके माता पिता ने उन्हें बेच दिया.
लेकिन जब तेजिंदर की बुआ को इस बात का पता चला तो उन्होंने बड़ी मुश्किल से तेजिंदर को वापिस लाया और खुद पालपोस कर आज इतना बड़ा आदमी बना दिया है कि हर कोई हैरान रह गया. तेजिंदर को अपने जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ा था. उनका 1 हाथ था जिसकी वजह से माँ ने ही अपने बच्चे को बेच दिया और उनकी बुआ ने उन्हें बड़ा किया.
तेजिंदर आज 26 साल के हो चुके है. तेजिंदर की बुआ ने बताया कि तेजिंदर को पैदा होते ही 20 हजार रूपये में उनके माँ बाप ने बेच दिया था. बुआ के घर की आर्थिक स्थिति खुद ठीक नही थी लेकिन फिर भी उन्होंने तेजिंदर को भिखारियों के गिरोह से छुडाया और उन्हें पाल पोसकर बड़ा किया. घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से तेजिंदर को आगे की पढाई छोडनी पड़ी. और उन्होंने घर खर्च उठाने के लिए काम ढूढ़ना शुरू किया.
नौकरी के साथ साथ तेजिंदर वर्कआउट करने लगे और शुरुआत में पैसे होने की वजह से उन्होंने सरकारी जिम जॉइन किया जब कुछ पैसे जमा हो गये तो उन्होंने प्राइवेट जिम जाना शुरू कर दिया था. 2016 में तेजिंदर के कोच ने उन्हें दिल्ली प्रतियोगिता में अपना नाम रजिस्टर करवाने का सुझाव दिया.
कोच की बात सुनकर तेजिंदर ने अपना नाम रजिस्टर करवाया और टाइटल भी जीता .इसके बाद उन्होंने 2016 के साथ 2018 का टाइटल भी जीता. ये सब करने से भी उनके घर की आर्थिक स्थिति में कोई ख़ास सुधार नही आया था. इसलिए तेजिंदर ने एक फिटनेस कोच बनकर लोगो को ट्रेनिंग देना शुरू किया.
लॉकडाउन में हिम्मत नही हारी
तेजिंदर का काम उस समय फिर बंद हो गया जब देश में लॉकडाउन लगा था. जिम बंद हुआ तो फिर से उनकी आर्थिक स्थिति खराब होने लगी लेकिन उन्होंने हिम्मत नही हारी और खुद को दूसरी और मोड़ लिया. लॉकडाउन खत्म होने पर उन्होंने अपने एक ट्रेनर से 30 हजार रूपये उधार लिए और दिल्ली में एक चिकन पॉइंट खोल दिया.
तेजिंदर का काम खूब चला और लोगो को उनका चिकन पॉइंट बहुत पसंद आया. तेजिंदर ने अपने स्टोल पर हाफ चिकन टिक्का प्लेट 150 में तो फूल 250 में देना शुरू किया. ये काम तेजिंदर केवल एक हाथ से करते थे. तेजिंदर एक हाथ से चिकन टिक्का बनाते भी थे और लोगो को सर्व भी करते थे.
चिकन टिक्का का स्वाद लोगो को इतना पसंद आया कि रोजाना उनकी स्टोल पर लोगो की भीड़ देखने को मिलने लगी. हालांकि कोविड के कारण उनका बिजनेस एक बार फिर से मंदा हो गया है लेकिन इस बीच भी वे हिम्मत नही हार रहे है और उन्होंने एक बार फिर से अपना काम दोबारा शुरू कर दिया है. तेजिंदर का कहना है कि माँ बाप ने तो अपंग समझकर मुझे बेच दिया था बुआ ने नई जिन्दगी दी है.