दोस्तों हमारी मौत कब आ जाये ये कहा नही जा सकता है. हम आज खुशियाँ मना रहे है और कल को हम दुनिया छोड़ जाये ऐसा भी हो सकता है. एक परिवार जो अपने बेटे के जन्मदिन पर उसे सरप्राइज देने की तैयारी में लगा हुआ था उन्हें क्या पता था कि उनका लाडला घर ही नही आ पायेगा.
ये घटना राजस्थान के भरतपुर में हुई है जहाँ अरिहंत के परिवार वाले उसके जन्मदिन की तैयारी में लगे हुए थे. परिवार वालो ने ये पार्टी राजस्थान की लेकसिटी उदयपुर में रखी थी. पुरे दिन की प्लानिंग के मुताबिक बेटे को पहले मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल के दर्शन करवाने ले जायेंगे और फिर जन्मदिन के खास दिन पर उसे कारोबार की जिम्मेदारी सौंपकर सरप्राइज देने वाले थे माँ बाप.
घरवालो ने अरिहंत के जन्मदिन की पर उसे न जाने क्या क्या गिफ्ट देने की योजना बनाई हुई थी लेकिन किसी ने ये सोचा तक नही था कि आज का दिन देखने के लिए बेटा जिन्दा नही रहेगा. अरिहंत की देर रात सडक हादसे में मौत हो गयी है. अरिहंत के साथ उसके 3 दोस्त गाडी में सवार थे उनकी भी मौत हो गयी है. अगली सुबह इस घटना को देखने के बाद आसपास की दुकाने बंद करवा दी गयी. अरिहंत अपने दोस्तों के साथ उदयपुर से उजैन के लिए जा रहा था.
उदयपुर से उजैन के लिए निकले 5 दोस्त
रास्ते में टोंक जिले के देवली के पास कार की एक ट्रैक्टर से टक्कर हो गयी जिसके बाद चारो दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गयी. जबकि गाडी में सवार पांचवा दोस्त जीवित है जिसकी हालत गम्भीर बताई जा रही है. परिवार का अरिहंत इकलौता सहारा था अब उसकी एक बहन रह गयी है .
बेटे की मौत के बाद परिवार शोक में डूब गया है. अरिहंत के पिता कुमकुम जैन कामां के बहुत बड़े व्यापारी थे और उनके बेटे की मौत की खबर सुनकर किसी व्यापारी ने अपनी दूकान या कंपनी नही खोली. अरिहंत की शवयात्रा में दूर दूर से लोग आये थे और लोगो की बहुत ज्यादा भीड़ देखने को मिली थी.
अरिहंत BA की पढाई कर रहा था. अरिहंत के पिता ने बताया कि उन्होंने बीती रात 10 बजे बेटे से बात की थी और उसे कहा था कि रात में लम्बा सफर न करे टोंक में रुक जाए लेकिन वह नही माना और कहने लगा हम तो कोटा जाकर ही रुकेंगे. कोटा पहुचने से पहले ही उसके साथ ये हादसा हो गया. जन्मदिन पर परिवार बेटे के आने की आस लगा लगाये बैठा था वहीँ बेटा अपनी मौत की खबर दे गया.
जन्मदिन पर माँ देना चाहती थी बेटे को सरप्राइज
अरिहंत की माँ का उसके साथ सबसे ज्यादा प्यार था वह बेटे के जन्मदिन पर कई तरह के सरप्राइज उसे देना चाहती थी. पिछले कई दिनों से उन्होंने सोच रखा कि उसके जन्मदिन के ख़ास मौके पर क्या क्या करेगी. वहीँ पिता ने भी अपने कारोबार की पूरी जिम्मेदारी बेटे को सोंपने की तैयारी की थी और बहन भाई को मन्दिर दर्शन के लिए ले जाना चाहती थी.
तीनो की उम्मीद ही टूट गयी जब उन्हें पता चला अरिहंत अब कभी नही आयेगा. आखिरी बार माँ अपने बेटे को खाना तक खिला नही पाई. उनका रो रोकर बुरा हाल हुआ है और कुछ कहने की हालत में नही है.