दोस्तों ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब शादी के बाद कोई परिवार अपनी बहु को पढ़ाने पर जोर देता है. अक्सर लडकियाँ शादी करने के वाद ससुराल में काम करने वाली औरत बनकर ही रह जाती है. कई बार तो उनकी घर में अनबन होना शुरू हो जाती है ऐसे में पढाना तो दूर नौकरी करने को लेकर भी घर में कलेश होना शुरू हो जाता है.
लेकिन कहते है न हाथ की पांचो उँगलियाँ एक समान नही होती वैसे ही दुनिया की हर सास खराब नही होती है और हर बेटी को खराब ससुराल नही मिलता है. आज हम आपको एक ऐसी पत्नी के बारे में बताने जा रहे है जिसके पति ने उसे पढ़ाकर डॉक्टर बना दिया है. इस काम में लडके के परिवार वालो ने भी बहु का साथ दिया है.
ये कहानी जयपुर जिले के चौमु क्षेत्र की है जहाँ पर 8 साल की रूपा की शादी बचपन में ही 12 साल के पति से करवा दी गयी थी. रूपा की शादी के बाद पति ने उसे पढ़ाना शुरू किया. जब रूपा 10वी क्लास में पढती थी तब उसका पति उसे अपने घर ले गया था. सुसराल जाते ही रूपा को पता चला की उसे 84 % नंबर मिले है. रूपा के पढाई में अच्छे होने की वजह से उसका परिवार वालो ने दाखिला एक प्राइवेट स्कूल में करवा दिया.
रूपा शुरू से ही पढाई के मामले में काफी तेज थी और इसी वजह से उन्होंने 11 वी कक्षा में 81 % और 12 कक्षा में 84 % नंबर हासिल किये. रूपा के ससुराल वाले खेतो में काम करके उसकी पढाई का खर्चा उठाते थे. हालांकि खेतो से इतनी कमाई नही हो पा रही थी कि वे रूपा को अच्छे से पढ़ा सके.
ये देखकर रूपा के पति ने टेक्सी चलाना शुरू किया. कमाई के पैसो से रूपा अपने आगे की पढ़ाई जारी रख पाई. पढाई के समय उनके चाचा को हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गयी. रूपा ने तय कर लिया था कि वे पढ लिखकर डॉक्टर ही बनेगी. क्योंकि समय पर उपचार न मिलने की वजह से उसके चाचा की मौत हो गयी थी.
रूपा ने कोटा में रहकर सालभर में इतनी मेहनत की उनके आगे बढने के रास्ते अपने आप खुलने लगे थे. आगे बढने के लिए फीस ज्यादा हो गयी थी और उनके परिवार की आर्थिक हालत भी सही नही थी. हालांकि संस्थान ने उनके परिवार की आर्थिक स्थिति देखते हुए 75% फीस माफ़ कर दी थी. रूपा ने दिन रात मेहनत करके 603 मार्क्स हासिल किये और उनका नीट रैंक 2283 है.
रूपा MBBS की पढाई करने के बाद 4 साल तक संस्थान की ओर से मासिक छात्रवृत्ति देने की भी घोषणा की और रूपा अपने संघर्ष की वजह से लोगो के लिए नई प्रेरणा बनी. आज रूपा एक डॉक्टर बन गयी है और ये सब उसके सुसराल वालो की वजह से सम्भव हो पाया है. रूपा का पति टेक्सी और ऑटो चलाकर उसकी पढाई के लिए दिन रात मेहनत करता रहा और अज उसकी मेहनत रंग लाई जब उसकी पत्नी रूपा एक डॉक्टर बनकर लोगो का इलाज कर रही है.