दोस्तों अक्सर भाग पीने वाले लोग और गांजा फूंकने वाले लोगो को मुह से ये बात सुनाई देती है कि ये तो भगवान शिव का प्रसाद है. इसके अलावा भगवान शिव की कई तस्वीरे भी इन्टरनेट पर देखने को मिलती है जिसमे वे चिल्लम फूंक रहे है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सच में भगवान शिव का नशे से कोई सम्बन्ध है.
आज हम आपको ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब देने वाले है. आपको बता दें कि भगवान शिव का भांग से कोई सम्बन्ध नही है. इसी बात को गहराई से समझते है. जो लोग कहते है कि ये तो भगवान शिव का प्रसाद है तो उन लोगो को भगवान शिव के बारे में ज्ञान ही नही होता है.
इसलिए वे ऐसे बाते करते है. उनको धर्म ग्रंथो के बारे में कोई जानकारी नही है. जबकि शिव पुराण, स्कन्द पुराण, श्री पद्म पुराण आदि में भगवान शिव के चरित्र के बारे में विस्तार से बताया गया है. किन्तु भांग और गांजा का वर्णन कहीं भी नही मिलता है.
यहाँ तक कि भगवान आदि शंकराचार्य द्वारा रचित शिव मांस पूजा स्त्रोत में भगवान शिव को चढने वाले सभी पदार्थो की कल्पना की गयी है. इसमें भी भी गांजा भांग का नाम कहीं नही आया है. हालांकि भगवान शिव को भांग का पत्ता जरुर चढाया जाता है.
शिव पुराण में वर्णित है कहानी
समुद्र मंथन से जुडी कहानी में बताया गया है कि जब समुद्र मंथन हुआ तो उस वक्त उसमे से विश भी निकला था जिसे केवल महादेव ने पिया था इससे उनका पूरा गला नीला पड़ गया था और इसी वजह से उनका एक नाम नीलकंठ भी है. जब भगवान का गला नीला पड़ा तो सभी देवता घबरा गये थे
क्योंकि उनका शरीर भी तपने लगा था और फिर भी शिव भगवान शांत थे लेकिन देवताओं ने सेवा भावना से भगवान शिव के शरीर की ज्वाला को शांत करने के लिए उनपर जल चढ़ाया था. इसी तरह विश के प्रभाव को कम करने के लिए विजया यानी कि भांग की पती को दूध में मिलाकर भगवान शिव को एक औषधि के रूप में पिलाया था.
बस यही एक प्रमाण धर्म ग्रंथो में दिया गया है. जिसमे भांग को एक औषधि के रूप में बताया गया है. न कि किसी नशे के रूप में. भगवान शिव जिन्होंने पूरी दुनिया को बचाने के लिए विश पिया था क्या उन्हें भी भांग जैसे नशे की जरूरत पड़ सकती है ? शिव महापुराण में ये कहीं नही लिखा है कि भगवान शिव को भांग पसंद है.
सच्चाई तो ये है कि शिवलिंग पर अभिषेक करने वाले सभी तरल पदार्थो से ब्रह्माण्डीय उर्जा के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जाता है जो इस तरह से अर्चना करता है उस मनुष्य को तत्काल राहत मिलती है. और यही रूद्र अभिशेख का विज्ञान और इस भांग वाली कहानी को कुछ लोगो ने गलत तरीके से बताया है और जिसके बाद समाज में ये बात फ़ैल गयी कि भगवान शिव को ये पसंद है.
ऐसी और भी कई किताबे है जिन्हें पढकर लोगो ने ये धारणा बना ली कि भगवान शिव को भांग और गांजा पसंद है.