दोस्तों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की घर घर राशन पहुंचाने की स्कीम को केंद्र सरकार २ बार रद्द कर चुकी है. जिसके बाद केजरीवाल ने हाई कोर्ट से परमिशन ली थी लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार ने अनुमति देने की याचिका को खारिज कर दिया है.
एक बार फिर से केजरीवाल का सपना चकनाचूर हो गया है. आपको बता दें कि 1 अक्टूबर 2021 को दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट से घर घर राशन देने के लिए याचिका दी थी. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को अनुमति दे दी थी. लेकिन कोर्ट ने सरकार से इस स्कीम के लिए उन लोगो के राशन कार्ड की डिटेल शेयर करने को कहा जोकि होम डिलीवरी का ऑप्शन चुनते है.
घर घर राशन की डिलीवरी स्कीम के लिए दिल्ली सरकार ने फिर से लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बजाज को इस बारे में याचिका भेजी है. ये केजरीवाल की तरफ से तीसरी याचिका भेजी गयी थी. इससे पहले २ बार केजरीवाल की याचिका ख़ारिज कर दी गयी थी
लेकिन उन्होंने एक बार फिर से इसे भेजा और इस बार भी उन्हें अनुमति नही मिली. जिसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार पर सीधा निशाना साधा है. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने फ़ूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट को पत्र लिखकर इस स्कीम का समर्थन करने से मना कर दिया है जिसके बाद उन्हें अनुमति दी जा रही है.
इसके साथ ही आप पार्टी ने केंद्र सरकार पर ये भी आरोप लगाया है कि BJP और राशन माफिया के बीच कोई कनेक्शन है जिसकी वजह से दिल्ली सरकार को घर घर राशन की डिलीवरी स्कीम की अनुमति नही दी जा रही है. इसके साथ ही दिल्ली में अब कोयला की समस्या भी पैदा हो गयी है. दिल्ली के ऐसे कई पपॉवर प्लांट है जहाँ बिजली बनाने के लिए केवल एक दिन का ही कोयला रह गया है.
दिल्ली सरकार ने PM मोदी को एक खत लिखकर भेजा है जिसमे उन्होंने मदद की अपील की है. खत में लिखा है कि उन्हें पावर एक्सचेंज से 20 रूपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदनी पड़ रही है. यानी जो बिजली दिल्ली के लोगो को 4 से 5 रूपये यूनिट पडती है वह सरकार को 20 रूपये यूनिट में पॉवर एक्सचेंज से खरीदनी पड़ रही है.