पिछले कुछ सालो में भारत और अमेरिका के सम्बन्ध काफी मजबूत हुए है इसके पीछे सबसे बड़ा हाथ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोलाल्ड ट्रम्प का हाथ है. उन्होंने भारत का हर तरह से साथ दिया. भारत जोकि एक नॉन ऑटो देश है हमे कई सारे एडवांस और हाईटैक वेपन बेचने के लिए अमेरिका ने काफी मदद की है.
लेकिन अब डोनाल्ड ट्रम्प के पिछले 5 साल के किये सभी काम पर 5 मिनट में पानी फेर दिया गया है और ये काम किया है अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बाईडन ने. जो बाईडन ने भारत के खिलाफ बहुत ही सेंसटिव मुद्दा उठाने की कोशिश की है. दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडन ने भारत में यूनाईटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका की एम्बेसी है
उसके लिए अम्बेसडर पद सभालने के लिए एक नये कैंडीडेट एरिक गार्सेटी को चुना है. अम्बेसडर का काम स्टेट पॉलिसी के दायरे में रहकर 2 देशो की सरकारों के बीच में रिश्ते मजबूत करना, कम्यूनिकेशन को बढाना और डीफेंसिस दूर करना होता है.
ऐसे में जो बाईडन द्वारा चुने गये एरिक गार्सेटी से उम्मीद थी कि वे भारत के हित में बात करेंगे लेकिन अभी उनका कार्यकाल शुरू ही हुआ था कि उनकी तरफ से भारत को धमकी भर स्टेटमेंट सामने आने लग गयी. ये धमकियां अगर आने वाले कल में सच साबित होती है तो भारत और अमेरिका के रिश्तो में एक बार फिर दरार आ सकती है. गार्सेटी लगातार भारत के खिलाफ बाते करते दिखाई दे रहे है.
एरिक गार्सेटी अमेरिकन और वहां की कांग्रेस के सामने अपनी राय रख रहे है कि वे भारत में अम्बेसडर रहते हुए क्या क्या काम करने वाले है. इसके उपर अब एक नया विवाद शुरू हो गया है. `एरिक गार्सेटी ने बताया कि वे भारत में अपना अम्बेसडर का पद भार सम्भालने के बाद भारत में होने वाली मानव अधिकार हिंसा को बहुत ही सक्रिय रूप से उठाने का काम करेंगे.
यानी जिस तरह से बराक ओबामा के कार्यकाल में अमेरिका द्वारा भारत को डेमोक्रेसी और मानवाधिकार हिंसा वाले मुद्दे को लेकर लगातार घेरा जाता था एरिक गार्सेटी भी कुछ ऐसा ही करने वाले है. आसान शब्दो में कहा जाए तो कल को भारत में किसान आन्दोलन की तरह दोबारा कोई नया आन्दोलन खड़ा हो जाता है,
कश्मीर में सिक्योरिटी फोर्सेज, एंटी नेशनल के उपर कोई कार्यवाही करती है या फिर दिल्ली की तरह दोबारा कोई दंगे फसाद हो या NTCA या NRC प्रोटेस्ट हो तो इन सभी मुद्दों को लेकर एक बार फिर भारत को घेरा जायेगा जोकि डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में बंद हो चुका था.