दोस्तों आज हम बात करेंगे एक ऐसे इंसान की जिसने महज 115 सेकंड ट्रैक पर दौड़ कर 119 मिलियन यानी लगभग 880 करोड रुपए कमाए यानी लगभग साढ़े सात करोड़ हर सेकंड ! आप सोच रहे होंगे कि हम शायद अंबानी टाटा या एलन मस्क की बात कर रहे हैं लेकिन आप गलत है क्योंकि हम बात कर रहे हैं दुनिया के सबसे तेज रफ्तार से भागने वाले उसैन बोल्ट की !
जी हां वही उसैन बोल्ट जो चीते की रफ्तार से भागते हैं जिनके नाम दो चार नहीं बल्कि 9,9 ओलंपिक गोल्ड मेडल है आज वो शौहरत के उस मुकाम पर है जहां पर चंद लोग ही पहुंच पाते हैं लेकिन उनका यह सफर बेहद मुश्किलों से भरा था आज जो उसैन बोल्ट करोड़ों रुपए के मालिक है एक वक्त ऐसा था कि वह एक वक्त का खाना और पानी के लिए तरसते थे !
आज हम आपको उसैन बोल्ट के फर्श से अर्श तक की पूरी कहानी बताएंगे वह कहानी जिसे सुनने के बाद आपको भी यकीन हो जाएगा कि अगर लग्न सच्ची है तो जिंदगी में सब कुछ हासिल किया जा सकता है चलिए शुरू करते हैं ! आज बोल्ट भले ही रिटायर हो गए हो पर रेसिंग ट्रैक पर उनका जलवा आज भी बरकरार है बोल्ट के नाम ओलंपिक में तीन बार गोल्ड मेडल का रिकॉर्ड है ,
बोल्ट ने दौड़ में 100 मीटर , 200 मीटर और 400 मीटर की रेस में गोल्ड मेडल जीतने का रिकॉर्ड बनाया है ! ऐसा करने वाले वह दुनिया के पहले इंसान है इन्हीं मेडल के बदौलत उन्हें दौलत और शोहरत मिली यह तो हम सब जानते हैं कि उन 2 मिनट से उन्होंने 119 मिलियन डॉलर कमाए , उन 2 मिनट के लिए उन्होंने 20 साल जमकर मेहनत की उसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं !
उसैन बोल्ट का जन्म 21 अगस्त 1986 को जैमिका के एक छोटे से गांव शेरवुड कंटेंट में हुआ था उनका यह गांव जैमिका की राजधानी किंगस्टन के करीब साढ़े तीन घंटे दूर है उनके इस गांव में ना तो सड़कें थी ना तो बिजली थी और ना ही हर घर में पानी की सुविधा बोल्ट एक साधारण परिवार से आते हैं उनके परिवार वालों को इस तरह की जिंदगी से कोई भी शिकायत नहीं थी !
बोल्ट के पिता का नाम welleley bolt और माता का नाम जेनिफर बोल्ट है और दोनों साथ मिलकर गांव में ही करियाने की दुकान चलाते हैं और अपनी और अपने बच्चों की आर्थिक जरूरतों को पूरा करते थे ! इस दुकान में कमाई सिर्फ इतनी ही होती थी कि उन्हें सिर्फ दो वक्त का खाना मिल सके अपनी बहन भाई और परिवार की मदद करने के लिए बोल्ट पुराने दुकान में बोल्ट रम और सिगरेट बेचने का काम किया करते थे
इन मुश्किलों के बावजूद उनका लक्ष्य कभी नहीं डिगा उन्होंने अपनी बायोग्राफी में लिखा था की जवानी के दौरान उनका लक्ष्य कभी नहीं भटका और वह हमेशा खिलाड़ी बनना चाहते थे बोल्ट ने अपना बचपन भाई के साथ गली में क्रिकेट और फुटबॉल खेल कर बिताया उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वह छोटे थे तो वह खेल के अलावा किसी और चीज के बारे में नहीं सोच पाते थे इसलिए उन्होंने शुरुआत में ही खेल में फ्यूचर बनाने का सोच लिया !
बोल्ट ने छोटी उम्र में ही गांव की एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की और पहली बार उन्होंने एक रेस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और वो सबसे तेज दौड़ रही ! 12 साल की उम्र तक उन्होंने यह तो सोच लिया था कि खेल में ही कैरियर बनाना है लेकिन किस खेल में बनाना है
यह वह समझ नहीं कर पा रहे थे दरअसल उन्हें क्रिकेट और फुटबॉल दोनों का ही शौक था बचपन से ही क्रिकेट में इतनी दिलचस्पी थी कि अगर आज वो रनर नहीं होते तो उसैन बोल्ट क्रिकेट में एक तेज गेंदबाज होते ! उसैन बोल्ट सचिन तेंदुलकर और क्रिस गेल के बड़े फैन हैं एक दिन उनके क्रिकेट कोच ने जब उनकी रनिंग स्पीड देखी तो वह हैरान हो
गए और उन्होंने कहा कि वह रेस में हिस्सा ले ! क्रिकेट कोच की इस एक सलाह ने हुसैन को वह वोल्ट बनाया जो वह आज है उनके क्रिकेट कोच ने कहा कि वह क्रिकेट छोड़ें और रनिंग की ट्रेनिंग करें और फिर रेस में हिस्सा ले !
एक ओलंपिक खिलाड़ी रह चुके peblo mcneil ने उसैन बोल्ट का टैलेंट पहचाना और उन्हें कोचिंग देनी शुरू की और फिर क्या था उसैन बोल्ट फिर ऐसे दौड़े कि कभी नहीं रुके जब तक कि जिंदगी ने उन्हें नहीं रोका जी हां उनके कैरियर में भी एक वक्त ऐसा आया था जब वह शायद रनिंग छोड़ सकते थे
पर शायद उनकी जगह कोई और होता तो करता भी यही लेकिन उसैन बोल्ट इतिहास बनाने आए थे इतिहास बनने नहीं ! वह भी आपको बताते रहेंगे बस आप हमारे साथ वीडियो के लास्ट तक बने रहे ! करियर > उसैन ने 2001 में अपना पहला हाई स्कूल चैंपियनशिप मैडल जीता !
जब 200 मीटर रेस उन्होंने महज 22 सेकेंड में पूरी की साल 2001 में carifta गेम्स में खेलते वक्त बोल्ट ने 400 मीटर रेस को 48 सेकंड में पूरा किया और सिल्वर मेडल जीता इसके बाद साल 2001 में उन्होंने हंगरी में हुई आई.ए.ए.एफ वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और 200 मीटर की वो रेस 21.73 सेकंड में पूरी की हालांकि वह फाइनल तक नहीं पहुंच पाए पर उन्होंने खुद का अपना पुराना रिकॉर्ड जरूर तोड़ा था !
आपको जानकर हैरानी होगी कि अब तक उसैन बोल्ट एथेलेटिक को ज्यादा सीरियसली नहीं ले रहे थे और तो और एक बार तो फाइनल के लिए तैयारी करते हुए जब उन्हें प्रैक्टिस करनी थी तो वह जाकर एक वेन में छिप गई इसके बाद पुलिस ने उन्हें इस मजाक के लिए गिरफ्तार भी कर लिया था
हालांकि इसके बाद यह मामला जल्द ही सम्भल गया और क्रिफ्टा गेम्स में उसैन बोल्ट ने 200 मीटर की रेस 20 सेकंड में और 400 मीटर की रेस 47.33 सेकंड में पूरी की उस बक्त के प्राइम मिनिस्टर pj patterson ने उसैन बोल्ट के टैलेंट को पहचाना और किंग्सटन आने का मौका दिया
यहां वह jmaica amature athletic association ट्रेनिंग कर सकते थे ! 15 साल की उम्र तक बोल्ट 6 फुट 5 इंच लंबे हो गए थे साल 2002 में हुई वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में जीत कर उसैन बोल्ट दुनिया के यंगेस्ट वर्ल्ड जूनियर गोल्ड मेडलिस्ट बने थे !
उनके देश के लोगों की उम्मीदें अब उनसे बढ़ने लगी और लोगों की उम्मीदों ने उन्हें इतना नर्वस कर दिया उन्होंने घबराहट में दाएं पैर का जूता एक बार बाएं पैर में पहन लिया और बाएं पैर का जूता दाएं पैर में , लेकिन उस दिन उन्होंने 400 मीटर की रेस 39.1 5 सेकंड में पूरी कर ली और सिल्वर मेडल अपने नाम कर दिया !
यह तो बस शुरुआत थी क्योंकि इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने मेडल की लाइन लगा दी धीरे-धीरे की उसैन बोल्ट पॉपुलरटी बढ़ रही थी वो कहते हैं ना कि इंसान को सबसे ज्यादा यहीं पर संभलना होता है क्योंकि जब शौहरत सर पर चढ़ती है तो दिमाग अच्छे-अच्छे का खराब हो जाता है
ऐसा ही कुछ उसैन बोल्ट के साथ भी हुआ उस बढ़ती पॉपुलरटी के साथ उनका ध्यान फिर से हटकर पार्टी करने , जंक फूड खाने और बाकी खेलों में लगने लगा है जबकि उन्हें रेस कोर्स पर प्रैक्टिस करनी चाहिए ! वर्ल्ड चैंपियनशिप रेस से बिल्कुल पहले उन्हें conjunctivitis हो गया जिसकी वजह से उनका ट्रेनिंग शेड्यूल खराब हो गया और वो फाइनल में पार्टिसिपेट नहीं कर पाए !
बोल्ट की लाईमलाईट उसैन बोल्ट के लिए किसी हादसे से कम नहीं था और इस हादसे ने उसैन बोल्ट के लिए वैक्सीन का काम कर दिया वह वैक्सीन जिसने उसैन बोल्ट को वापस सही ट्रैक पर लगा दिया इसके बाद उन्होंने अपने करियर पर ध्यान दिया अब वह जमाईका के ओलंपिक टीम के लिए सिलेक्ट हो गए थे
भले ही उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेने का मौका खो दिया लेकिन उन्होंने ओलंपिक टीम में अपनी जगह बना दी ! 2008 , 2012 और 2016 में हुए ओलंपिक में इन्होंने 100 मीटर , 200 मीटर और 400 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीता और इस तरह वो 9 टाइम गोल्ड मेडलिस्ट बने वह 11 बार वर्ल्ड चैंपियन भी रह चुके हैं
उन्होंने साल 2009 से साल 2015 तक हुई सभी वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीते हैं और वह वर्ल्ड चैंपियनशिप के अब तक के सबसे सक्सेसफुल एथलीट है ! उनकी इस तेज रफ्तार के लिए उनके फैंस और मीडिया से एक नया नाम द लाइटनिंग बोल्ट यानी तूफानी बोल्ट मिला और उन्हें स्पोर्ट्स में उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए