सिंपल वन और ओला के बाद अब दो भारतीय कंपनी इलेक्ट्रिक टू व्हीलर सेगमेंट में फंसे भारतीय मार्केट में जोरदार एंट्री करने वाली है और इस खबर को हम इसलिए भी कवर कर रहे हैं क्योंकि यह दोनों कंपनी केवल मेक इन इंडिया को ध्यान में रखते हुए अपने नए प्रोडक्ट लॉन्च करने जा रही है।
खुश होने की यह भी वजह है कि इन दोनों कंपनी में से एक पुरानी भारतीय कंपनी है जो टू व्हीलर सेगमेंट में फिर से जन्म लेने जा रही है और दूसरी कंपनी ने उन कॉम्पोनेन्ट की लिस्ट जारी कर दी है जिनका इस्तेमाल इनकी टू व्हीलर्स में किया तो जाएगा पर वह पाठ में प्रोडक्ट होने वाले हैं। पहली खबर आ रही है। 2015 में शुरू हुए टाटा अल्ट्रावॉलिट आटोमोटिव की तरफ से जो भारत में अपनी इलेक्ट्रिक सुपर बाइक लांच करने के लिए बेंगलुरु में एक मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी सेट अप करने जा रही है और इसके लिए कंपनी 500 करोड रुपए निवेश करेगी। अल्ट्रावॉयलेट ही है जिन्होंने बताया है कि इनकी बाइक में 90% तक का लोकलाइजेशन होगा। बैटरी में लगने वाली लिथियम सेल और मोटर में लगने वाले मैग्नेट ही ऐसे केवल दो कॉम्पोनेन्ट हे जिन्हे यह कंपनी भारत में बहार से इम्पोर्ट करेगी इसके अलावा मोटर कंट्रोलर रिपेयर बैटरी, पैक जैसे मेजर कॉम्पोनेंट्स और पार्ट्स या तो इन हाउस मैन्युफैक्चरर की जाएंगी या फिर लोकल विंड से सोर्स किये जायेंगे।
आपको बता दें कि इनकी बाइक का पहला बैच इस फैसिलिटी से 2022 के पोस्ट कोटर में रुलऑउट किया जाएगा और पहले साल में केवल 15हजार बाइक्स ही इस प्लांट में मैन्युफैक्चर होंगी। अगर मार्केट से अच्छा रिस्पॉन्स मिला तो इस मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को एक लाख 20 हजार यूनिट चलाना कर दिया जाएगा। F77 मॉडल की इनकी सुपरबाइक 140 किलोमीटर पर hr की टॉप स्पीड चलने में सक्षम होगी। इसके अलावा रेंज के मामले में पूरा चार्ज होने के बाद यह बाइक 150 किलोमीटर कवर करने में सक्षम होगी। बात करें। दूसरी खबर को लेकर तो भारतीय स्कूटर मैन्युफैक्चरर एलएमएल अब फिर से 2 मिनट तक एक भी कदम रखने जा रही है
और इस बार एल एम एन इलेक्ट्रिक स्कूटर की रेंज भारतीय मार्केट में उतारने वाली है और कंपनी ऑफिशियल के मुताबिक रेंज और कीमत के मामले में इनके नए इलेक्ट्रिक स्कूटर से एक नया बेंचमार्क स्थापित करने वाले हैं और उनके नए स्कूटर ओला और सिंपल वन जैसे टेक्नोलॉजी के लिए बस कड़ी टक्कर देने के लिए उतारे जाएंगे। इन नए स्कूटर में मेक इन इंडिया का विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा
और कॉम्पोनेन्ट की सप्लाई के लिए lml कंपनी कई भारतीय मैन्युफैक्चरर से तालमेल कर चुकी है। आपको बता दें कि lml 1972 में स्थापित की गई थी और 1983 से पियाजयो के साथ मिलकर lml में भारत में बाइक निर्माण प्रेषित कर रहा है। एल एम एल और पियाजयो की पार्टनरशिप सन 1999 तक चली। इसके बाद lml ने कुछ मोटरसाइकिल की वैरिएंट्स भारतीय बाजार में उतारे। पर नुकसान की वजह से भारतीय मार्केट से ज्यादा खास रिस्पांस नहीं मिला। पर देखना यह है कि lml किस तरह भारतीय मार्केट में अपनी पहचान फिर से बना पाएगा। दोस्तों पोस्ट को लाइक किये बिना बिल्कुल भी मत जाइएगा। धन्यवाद जय हिंद।