भारत सरकार भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए 76 हजार करोड़ रूपये का प्रोत्साहन पॅकेज देने वाली है. जिससे हमारे देश का सपना ग्लोबल सेमी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का पूरा होता हुआ नजर आ रहा है. हाल ही में आई एक खबर के मुताबिक भारत अगले 6 सालो में 20 से भी ज्यादा ऐसी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को इनस्टॉल करने वाली है
जिसके अंदर खासतौर पर सेमीकंडक्टर के डिजाइन, क्म्पोनेट मैन्युफैक्चरिंग, डिस्प्ले फेब्रिकेशन और अन्य बेसिक और एडवांस क्म्पोनेट को ही बनाया जायेगा. इसके लिए 20 सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को इंस्टाल किया जायेगा. इस तरह का बड़ा कदम भारत सरकार ने उठाया है
और जल्द ही केबिनेट की तरफ से इस प्रस्ताव को मंजूरी भी मिलने वाली है. भारत में 10 फैक्ट्रियां ऐसी होंगी जिनमे केवल डिस्प्ले और सेमीकंडक्टर ही मैन्युफैक्चरिंग किये जायेंगे और भारत में ये मैन्युफैक्चरिंग एक बड़े आयात को प्रतिबन्ध लगाने में एक बहुत बड़ा योगदान देंगी.
इसके आलावा चीजो को इम्पोट करने में हम जो एक्स्ट्रा टेक्सेस देते है उससे भी अब हम बचने वाले है और हमारा देश के अंदर कभी शोर्टेज नही होगी. जैसा कि हाल ही में हमने देश के अंदर सेमीकंडक्टर की कमी देखी और जिससे भारत ही नही बल्कि पूरी दुनिया में एक बड़ा इम्पेक्ट पड़ा है
और अब इसी के चलते भारत के अंदर ऑटोमेटिक कम्पनी जैसे कि टाटा खुद सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग और असेम्बलिंग के लिए उभरकर सामने आई है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार ने कुछ साल पहले भी ऐसे दांव रखे है जबकि कम्पनियों ने इसमें कोई दिलचस्पी नही दिखाई थी.
लेकिन जब से भारत के अंदर ग्लोबली सेमीकंडक्टर शोर्टेज हुई है तब से यहाँ पर इन चीजो को प्रोत्साहन देना शुरू किया गया है. एक और दिलचस्प जानकारी ये है कि सेमसंग और इंटल जैसी 2 कम्पनियों ने अमेरिका में कुछ बड़े निवेश किये है जिसमे 17 बिलियन US डॉलर शामिल है. इससे वे अमेरिका में कुछ नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को वहां पर इनस्टॉल कर चुकी है.
कम्पनी अभी 20 बिलियन US डॉलर और खर्च करने वाली है जिससे वे अपनी नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को दुनिया के किसी भी देश में इनस्टॉल कर सकती है . भारत ने ऐसी ही दुनिया की बड़ी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कम्पनियों का अट्रेक्शन अब अपनी तरफ करने के लिए ये योजना शुरू की है
खबरों की माने तो भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने वाली हर सेमी कंडक्टर कम्पनी को सरकार 1 बिलियन से ज्यादा की नकदी देने का प्रोत्साहन देने की पेशकश कर रही है. कम्पनियों को सरकार आश्वासन देगी कि वह उनके लिए एक खरीददार होगी.