भारत में चलने वाली ग्रीन क्रान्ति भारत के साथ साथ अन्य कई देशो में भी प्रयोग की जाने वाली है इससे भारत को करोड़ो और अरबो में फायदा होने वाला है. जैसा कि आपको जानकारी होगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल 15 अगस्त के दिन हाइड्रोजन मिशन की घोषणा कर देशवासियों को सूचित किया था
कि इससे सरकार का फॉक्स केवल इतना होगा कि देश के अंदर कच्चा तेल व् प्राकृतिक गैस के आलावा काफी सारे फ्यूल आयात किये जाते है तो इन सभी पर प्रतिबन्ध लगाया जाये. इससे भारत की इकनोमिकल ग्रोथ होगी. इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का फैसला लिया था.
हाइड्रोजन मिशन की घोषणा बीते साल की गयी थी जबकि नया साल 2022 के शुरू होते ही इस पर काम करना शुरू हो चूका है. हाल ही में आई रिपोर्ट के मुताबिक़ हीरो फ्यूचर एनर्जी और ओयम ग्रीन नाम की दोनों कम्पनियों के बीच एक एग्रीमेंट साइन किया गया है. इस एग्रीमेंट से भारत के अंदर हाइड्रोजन का प्रोड्क्शन बहुत ही बड़े पैमाने पर किया जायेगा.
कम्पनी का मेन हैडक्वार्टर अमेरिका में है लेकिन इनकी मैनिफेचिंग यूनिट भारत बेंगलुरु में स्थित है. पानी और हाइड्रोजन को अलग करने के लिए जो इलेक्ट्रोलाइजर का सामान होता है ये कम्पनी उसी के इनोवेशन और टेक्नोलॉजी पर ध्यान देती है. इससे इलेक्ट्रोनाइजर को काफी ज्यादा कुशल , सस्तीऔर कारगर बनाया जा सके.
दूसरी तरफ जब से हाइड्रोजन को फ्यूल ऑफ़ था फ्यूचर कहा जाने लगा है तब से भारत सरकार ने भी हाइड्रोजन को लेकर PLI स्कीम को इसमें लांच कर दिया है. इसके लिए ओयम ग्रुप ने पहले ही भारत सरकार से लगभग 2 मेगावाट के इलेक्ट्रॉनिक मैनिफेक्चरिंग करने के लिए अपनी नई मेनिफेचरिंग यूनिट भारत के अंदर लगाने का फैसला कर लिया है.
आपकी जानाकारी के लिए बता दें कि हीरो फ्यूचर एनर्जी और ओयम के बीच हुए एग्रीमेंट में 1 हजार मेगावाट की हाइड्रोजन प्रोड्क्शन किया जायेगा. इसे भारत सहित ब्रिटेन, यूरोप और अलग अलग देशो में इस्तेमाल किया जायेगा.
साधारण शब्दों में बताये तो यहाँ पर प्रोड्यूस होने वाला हाइड्रोजन हम एक्सपोर्ट करेंगे और हाइड्रोजन को प्रोड्यूस करने के लिए जितनी भी बिजली की खपत होगी वो सारी वेंट और सोलर से ली जाएगी. आज के समय में हीरो फ्यूचर एनर्जी के पास 1700 मेगावाट की चालु पवन और सौर ऊर्जा मोजूद है.
जिसमे से 1500 से पर और काम चल रहा है. भारत के मौजूदा डेटा के मुताबिक यहाँ हर साल 6 मिलियन टन हाइड्रोजन की खपत की जा रही है. सरकार भी उनको घरेलू हाइड्रोजन ण प्रोड्यूस करके बहुत सारी उर्जा टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने लगी है. जिसमे से अमोनिया और नेचुरल गैस को आयात करके इस हाइड्रोजन प्रोड्क्शन का इस्तेमाल भारत कर रहा है.