पत्थर , बेलेस्ट या कोल्ड तार की बजाए यहां पर रूट को स्टील स्लैग से बनाना , यह बात काफी ज्यादा अजीब लगती है लेकिन भारत ने इसे सच कर दिखाया है ! सुनने में यह काफी ज्यादा अविश्वसनीय सा लगेगा ! जी हां सब चौंक जाएंगे यह बात सुनकर ! बट फाइनली भारत ने इसे पॉसिबल कर डाला है ! भारत ने यहां रोड कंस्ट्रक्शन में स्टील स्लैग का यूज़ करके एक बेहद ही स्ट्रांग रोड को बना डाला है ! नॉट ओनली दिस अगर कॉस्ट पे अगर हम कंपेयर करें नॉर्मल रोड से , इसकी कॉस्ट तो 30% चिपर है ! सो यह भी एक अपने आप में काफी बड़ी अचीवमेंट है हमारे लिए ! इस रोड को सूरत में बनाया गया है गुजरात के ! वैसे तो रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर यहां पर नितिन गडकरी जी काफी लंबे समय से कांस्टेंट एफर्ट डाल रहे हैं टू प्रमोट रोड कंस्ट्रक्शन विद स्टील स्लैग सो दैट हमारे नेचुरल रिसोर्सेस पर इतना बर्डन ना पड़े इसे हम बचा पाए और फाइनली हमने काफी बड़ी अचीवमेंट कर डाली है ! ऑन दी कंस्ट्रक्शन ऑफ नीति आयोग इस रूट को सूरत के हजीरा में बनाया गया है विद दी हेल्प ऑफ मिनिस्टर ऑफ स्टील सीएसआईआर सीआरआरआई और एएमएनएस।
इसकी कुल लंबाई है 1.2 किलोमीटर की ! यह एक सिक्स लेन रोड है जहां पर हमने काफी अच्छे ढंग से पूरी तरह से स्टील स्लैग जो भी लेफ्ट ओवर सोर्डर रहता है स्टील का , उसे यूज करते हुए इस में बनाया है ! अब ऐसा नहीं है कि डायरेक्टली हम जो फैक्ट्री से स्टील स्लैग निकलता है उसको सीधे सीधे हम रोड में डाल सकते हैं इनफेक्ट इस पर रिसर्च करनी पड़ती है ! इसे ऐसे कन्वर्ट करना पड़ता है ताकि हम काफी सक्सेसफुली रोड कंस्ट्रक्शन में यूज कर पाए ! डॉक्टर सतीश पांडे जोकि प्रिंसिपल साइंटिस्ट ऑफ सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट और हेड ऑफ प्रोजेक्ट है उन्होंने कहा कि पहले तो इन्होंने प्लांट से स्टील स्लैग को प्रोसेस किया फिर उसे कन्वर्ट किया एक रोड यूजेबल मटेरियल बनाया ताकि हम रोड कंस्ट्रक्शन में यूज कर पाए ! इसी का नतीजा है कि पूरे भारत में पहली बार सूरत में हमने ऐसा रोड बना डाला है जो की स्टील स्लैग से बना है !
यहां पर आप पोस्टर भी देख सकते हो यहां पर एक बोर्ड भी लगाया गया है जहां डिफरेंस बताया गया है हमारे नॉर्मल और स्टील स्लैग वाले रोड में ! यह हमारे दोनों ही मिशन वेस्ट टू वैल्थ और स्वच्छ भारत केँपियन जो सरकार आवरण कर रही है इन दोनों को बहुत ही अच्छे से सेटिस्फाई भी करता है ! दूसरा क्वेश्चन अब यहाँ पर लोगों में यह होगा कि इतना सारा स्टील स्लैग हम लाएंगे कहां से ? सो लेट मी टेल यू गाइस यहां पर भारत में स्टील स्लैग की तो कमी ही नहीं है ! काफी बार तो यहां पर पहाड़ बन जाते हैं इतना सारा स्लैग जमा हो जाता है जो फिर अनफॉर्चूनेटली हमारे नेचर को भी हार्मफुल रहता है लेकिन अगर इस तरह से इन्नोवेटेड ढंग से हम रोड कंस्ट्रक्शन में यूज करें तब तो इससे बेहतर कुछ हो ही नहीं सकता !
अकॉर्डिंग टू सीआरआरआई यहां पर जो रोड थिकनेस है वह 30% हमने रिड्यूस कर डाली है ! भारत में स्टील स्लैग के प्रोडक्शन पर नजर डालें तो अरुणी मिश्रा जोकि कंपनी की हेड ऑफ कैपक्स प्रोक्योरमेंट एएमएनएस इंडिया हजीरा कंपनी की उन्होंने कहा कि भारत 20 मिलियन टन ऑफ स्टील स्लैग प्रोड्यूस करता है हर साल ! 2030 तक तो हमारा जो टारगेट है 300 मिलियन टंस ऑफ स्टील प्रोडक्शन को अचीव करना यह जब टारगेट हम सेटिस्फाई कर लेंगे तब तो भारत में स्टील स्लैग का प्रोडक्शन हो जाएगा 45 मिलियन टंस ! इतने सारे फिर वेस्ट को एक्यूमिलेट करके अगर हम रोड कंस्ट्रक्शन में यूज करें तो , तो फिर इससे बेहतर उपाय और कोई हो ही नहीं सकता !
इनफैक्ट यह जो रोड बनाई है सूरत में , इसमें रिसर्च भी की गई 1000 से 1200 व्हीकल जिसका कुल वेट 18 से 20 टन का है हर दिन यह पास होते हैं इस रोड पर ! क्वालिटी में यहां पर कोई हमें डिफरेंस देखने में नहीं मिला है उल्टा थिकनेस यहां पर रिड्यूस हो चुकी है ! सो ओवरऑल हम डेफिनेटली कह सकते हैं कि भारतीय साइंटिस्ट और इंजीनियर की टीम ने एक काफी कमाल का काम करके दिखा दिया है वेस्ट को यूज करके हम बेहद ही स्ट्रांग रोड को कंस्ट्रक्ट कर रहे हैं वह भी 30% लेस कॉस्ट में ! तो इसके बारे में आपकी क्या राय है ? जरूर से कमेंट कीजिएगा !