भारतीय रेलवे दुर्घटनाओ को कम करने के लिए नई नई टेक्नोलॉजी पर काम करना शुरू कर दिया है और कुछ ऐसा ही नया सुनने को आया है जहाँ पर भारतीय रेलवे ने कोचस के लिए आई स्मार्ट कोचस टेक्नोलॉजी शुरू की है. ये बेहद इंटेलिजेंस सेंसर बेस्ड टेक्नोलॉजी है जिससे डेमेजड और खतरनाक परिस्थीती को भांपा जायेगा और उसका समाधान सीधे किया जाएगा.
ऐसा नही है कि रेलवे की ये कांस्पेट टेक्नोलॉजी है ऐसे 100 कोचस में ये टेक्नोलॉजी इंस्टाल की गयी है और वे सफलतापूर्वक इस समय रेलवे में ओपरेट किये जा रहे है. सबसे पहले बात करे मन्युफेकचरिंग की तो इनको पूर्ण स्वदेशी और लोकल क्म्पोनेट से मिलाकर बनाया जाता है
और जिनको रायबरेली की मोर्डेन कोच फेक्टरी में तैयार किया जा रहा है. चल रही ट्रेन के अंदर इसमें ये पता लगाना काफी मुश्किल होता है किस कोच के अंदर कौन सी समस्या है. लेकिन ये स्मार्ट टेक्नोलॉजी छोटे और बड़े सभी अपडेट्स पहुँचाने का काम करती है.
कोच में कोई भी गडबडी होने पर रेड अलर्ट कर दिया जाता है हाल ही में ऐसे 2 स्मार्ट कोचस को तिरुवनंतपुरम डिविजन के कोचिवली एंड बनाजवली हमसफर एक्सप्रेस में लगाया गया है. इससे पहले भारतीय रेलवे के 100 ऐसे स्मार्ट कोच पहले से ही पेश किये जा चुके है.
वर्किंग के बारे में बताये तो इस सेंसर को कोच के पहिये में इनस्टॉल किया जाता है उसके बाद ये सेंसर समय समय पर अधिकारियो को अपडेट देता रहता है. जहाँ पर कम्प्यूटर में बहुत सारे कलर कोडिंग होती है और समस्या आने पर वहां पर रेड या फिर अलग अलग रंग के सिग्नल दिए जाते है.
इसी के साथ में भारतीय रेलवे दिन प्रतिदिन इनक्रीज होती जा रही है और ये प्रोजेक्ट या फिर इन सेन्सर्स को मैन्युफेक्चरर को कांट्रेक्ट सरकार ऑर्गेनाइजेशन को नही दिया जाता है बल्कि प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन को दिया गया है. जिससे कि वे प्रोफेट कमाएं और इसके चलते वे इस प्रोड्क्शन को बड़े पैमाने पर कर सके.
इसी के साथ में आई रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेलवे अब भी और बड़ी और नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है जो बहुत जल्द भारतीय रेलवे में लांच किये जायेंगे. मोजुदा जो भी LHB कोचस मोजूद है और उनको बहुत ज्यादा बेहतरीन किया जायेगा
और आने वाली कुछ ट्रेन 151 प्राइवेट ट्रेन में वन्दे भारत एक्सप्रेस इन सभी में बहुत ज्यादा एडवांस टेक्नोलॉजी प्रयोग की गयी है जिसमे सेंसर बेस्ड दरवाजे ऑटोडिटेक्शन टेक्नोलॉजी देखने को मिलेगी.