कुछ दिनों से एक लडकी जोकि एक एक स्टूडेंट है और खुद को आदिवासी बताती है और कहती है कि हमको कलेक्टर बना दो हम करेंगे सारी मांगे पूरी. इस बच्ची का विडियो तो आपने देख लिया होगा लेकिन इस विडियो के पीछे की कहानी नही जानते होंगे, तो इस विडियो को पूरा देखिये पूरी कहानी परत दर परत खोल देंगे और हकीकत पूरी आपको बताते है.
2 दिन पहले एक मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले से एक विडियो काफी तेजी से वायरल हुआ था जिसमे आपने एक बच्ची को कहते सूना था – हमको कलेक्टर बना दो, हम कलेक्टर बनने को तैयार है और हम सबकी मांगे पूरी कर देंगे. ये विडियो NSUI के एक प्रदर्शन के दौरान बनाया गया था.
अब ये बच्ची कौन है और आखिर ये कलेक्टर बनने की बात क्यों कर रही है और ये कौन सी मांगे पूरी करने को कह रही है आइये जानते है पूरा मामला क्या है – विडियो में खुद को कलेक्टर बनाने को कहने वाली इस लडकी का नाम निर्मला चौहान है और ये अलीराजपुर के खांडला गाँव की रहने वाली है.
इस समय निर्मला BA फर्स्ट इयर में है. खुद को आदिवासी बताने वाली ये लडकी आदिवासि छात्रों के साथ मिलकर कलेक्टर सोमेश मिश्रा को ज्ञापन देने आये थे लेकिन कलेक्टर वहां ज्ञापन के लिए नही पहुंचे और स्टूडेंट्स को वेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया .
जिसके बाद बच्चो का सब्र का बाँध टुटा तो उन्होंने मिलकर नारे बाजी करना शुरू किया. इस समय निर्मला नाम की बच्ची का नारेबाजी करते समय विडियो वायरल हो गया है और इसे अबतक लाखो लोग देख चुके है.
विडियो में बच्ची कहते दिखाई दे रही – नही तो हमको कलेक्टर बना दो हम सबकी मांगे पूरी करेंगे. आप नही कर पाते तो ? किसके लिए बनी है ये सरकार ? जैसे कि हम यहाँ भीख मांगने के लिए आये है ! हमारे गरीब के लिए तो कुछ व्यवस्था करो सर !हम इतनी दूर से आते है
आदिवासी लोग बस का कितना किराया देकर यहाँ आये है. ये तो थी बच्ची द्वारा कही बाते अब जानते है क्या है विडियो की सच्चाई – दरअसल बच्ची कलेक्टर कार्यालय के बाहर अपने कुछ साथियो के साथ खड़ी है और सभी ने हाथो में झंडे लिए थे लेकिन इन्हें कार्यलय में जाने नही दिया जा रहा था.
पुलिस किसी को आगे नही बढने दे रही है. बुधवार को pg कॉलेज के छात्र और छात्राओं ने NSUI के अगवाई में अपनी अलग अलग कई समस्याएं लेकर कलेक्टर सोमेश मिश्रा से मिलने पहुंचे लेकिन बच्चो को उनसे मिलने नही दिया गया. जिसके बाद बच्चो ने नारे बाजी करना शुरू कर दिया धुप में खड़े भूखे प्यासे बच्चे बार बार कलेक्टर से मिलने की बात कर रहे थे.
तब निर्मला कहती है आप 5 मिनट के लिए बाहर धुप में खड़ा रहकर देखिये तब पता चलेगा हमारी परेशानी क्या है ? निर्मला के तीखे स्वर में कही गये बाते अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. निर्मला के इस विडियो को कुछ लोग चुनावों से जोड़ रहे है और उसके तीखे स्वर वाले तेवरों को राजनेतिक दलों ने हाथो हाथ लपका.
वहीँ NSUI ने तो उसे झाबुआ जिले का महासचिव घोषित कर दिया. कांग्रेस भी कहाँ पीछे रहने वाली थी तो कांग्रेस के नेता भी सोशल मीडिया पर निर्मला के तेवरों को प्रियंका गाँधी के कैंपेन लडकी हूँ लड़ सकती हूँ से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने लगे.
और वहीँ जयस के प्रवक्ता डॉ आनन्द ने बच्ची के हौंसले और उसके दबंग स्टाइल की काफी सरहाना करते हुए कहा – बच्ची ने जिस तरीके से अपनी बात रखी वह काबिले तारीफ है. बसों में पूरा किराया लग रहा है और उन्हें किराये में छूट नही दी जा रही है.
हालाँकि पहले सरकार झाबुआ अलीराजपुर के आदिवासी इलाको में छात्रो का किराया भरती थी जोकि अब पूरी तरह से बंद हो चूका है जिससे वहां के छात्रों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अगर निर्मला UPSC की तैयारी करेगी तो उसका पूरा खर्चा मैं उठाने को तैयार हूँ. इससे वह जो कोचिंग ज्वाइन करना चाहेगी उसे कर सकेगी. मीडिया से बात करने पर क्या बोली निर्मला
निर्मला एक किसान की बेटी है जोकि अपने साथियों के साथ अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रही थी और उसे गुस्सा क्यों आया इसके बारे में उसने झाबुआ के मिडिया वालो से बात करते ह्युए कहा – निर्मला ने बताया – हम सुबह से आये थे और 2, 3 घंटे से धुप में बाहर खड़े थे
हमारी कोई सुन नही रहा था इसलिए गुस्से में मैंने बोल दिया – इतने बड़े अधिकार होने के बाद भी हमारा कोई नही सुन नही रहा तो किस काम की सरकार बनी है ? जब निर्मला से पूछा गया आप कलेक्टर बन गयी तो क्या करोगी ?
जवाब में उसने कहा अगर मैं कलेक्टर बनी तो गाँव से आई लडकियों को 5 मिनट भी धुप में खड़े नही होने देती सबसे पहले इनकी सुनवाई सुनती इनकी मांग पूरी करती.
लेकिन यहाँ निर्मला का मकसद केवल कलेक्टर तक आदिवासियों की समस्याओं को पहुँचाना था.
निर्मला जोकि कल तक एक साधारण बच्ची थी वो देखते ही देखते ख़ास बन गयी . आदिवासी लड़की की पूरी खबर जानिए, जिसने कलेक्टर बनने की ख्वाइस की थी