दोस्तों चाणक्य एक महान विद्वान थे और उन्होंने ऐसी कई बातो का जिक्र किया है जिन्हें अपनाने से आपके जीवन में कई तरह के बदलाव आ सकते है. मनुष्यों से जाने में ऐसी गलतियाँ हो जाती है जो उनका जीवन बर्बाद कर देती है.
इसलिए आज हम आपको स्त्रियों की उन 4 चीजो के बारे में बताने जा रहे है जिससे उनकी भूख कभी नही मिटटी है. चाहे वह स्त्री कितनी ही पूजा पाठ क्यों न कर लें या फिर वन में ही जाकर क्यों न रह लें फिर भी उसकी ये भूख कभी नही मिटटी है.
ज्यादा बोलने की भूख
स्त्रियों में ज्यादा बोलने की आदत होती है और इसके लिए उन्हें समय और जगह ढूंढने की जरुरत नही होती है. इन्हें कहीं भी कोई भी गप्पे मारने के लिए मिल जाये तो ये रूकती नही है. बातो बातो में स्त्रियाँ अपने सारे राज दुसरो को बता देती है.
कई बार तो वे ऐसी कई बात बता देती है जो उन्हें बाद में याद तक नही रहती है. बाते करते समय इनका दिमाग काबू में नही रहता है और इसी तरह बाते करते समय कई बार ये अपने लिए तो मुसीबत खड़ी करती है साथ ही दुसरो के लिए भी मुसीबत बन जाती है.
सुंदर बने रहने की भूख
हर स्त्री को खुद सुंदर बनाने के चक्कर में पूरी जिंदगी गुजार देती है. सुदंर दिखने के लिए उम्र मायने नही रखती है लेकिन जवानी ढलने के बाद इसक रफ्तार जरुर कम हो जाती है. सुन्दरता बनाये रखने के लिए
महिलाएं जेवर, कपड़े, मेकअप आदि चीजो का इस्तेमाल करती है. इनका शोपिंग करने का तरीका भी बहुत मजबूत होता है. महिलाएं सर से लेकर पैर तक रंगी हुई मिलती है. महिलाएं अपनी जिन्दगी का ज्यादातर समय खुद को सुंदर बनाने में ही निकाल देती है.
प्यार की भूख
औरत प्यार के लिए ही जानी जाती है और इनके प्यार का दायरा दाम्पत्य जीवन में बहुत अधिक बढ़ जाता है. यदि प्यार में समर्पण की भावना न हो तो प्यार प्यार नही रहता है. परिवार में पति पत्नी २ मुख्य स्तम्भ होते है और इनके उपर पुरे परिवार की जिम्मेदारी होती है. महिलाएं जिससे प्यार करती है उससे भी बदले में प्यार की उम्मीद रखती है.
ईश्वर के प्रति अनावश्यक आस्था
मांगने में महिलाओ का नाम हर जगह पर पुरुषो से जयादा होता है इनके अंदर अनावश्यक आस्था शक्ति की जबर्दस्त इच्छा होती है. इसी वजह से साधुओ और बाबाओ के चंगुल में महिलाएं आसानी से फंस जाती है. इसी से हमे पता चलता है कि महिलाओं में लालच बहुत ज्यादा होता है. इसी लालच के कारण महिलाएं खुद का पतन तो करती है साथ ही दुसरो को भी डूबा देती है.